Liu Yi Beijing 2008 Painting Hindi | ‘बीजिंग 2008’- लियू यी
‘बीजिंग 2008’- लियू यी
एक यह विश्वविख्यात पेंटिंग है : पढ़ने में लगने वाला समय लगभग 2:40 मिनट
Liu Yi’s “Beijing 2008” |
इस लेख में आप पढ़ेंगे :
- विश्व की परिस्थिति की एक झलक
- विश्व राजनीती का खेल और उसके खिलाड़ी
- महत्वपूर्ण देशो की विश्व राजनीती में भूमिका
इस पेंटिंग के माध्यम से विश्व की परिस्थिति की एक झलक पेश की गई है।
यहां ४ लड़कियाँ चीनी बोर्ड गेम माहजोंग खेल रही हैं। इस चित्र में कुछ बातें छुपी हैं।
जिस लड़की की पीठ पर टैटू है वो चीन है। बांयी तरफ बोर्ड को एकटक देखती पूर्ण नग्न युवती जापान है। सामने बैठी अंगड़ाई लेकर दायीं तरफ देखती श्वेतांबर लड़की अमेरीका है। लेटी हुई लड़की रूस है। दूर लाल कमीज़ में खड़ी बच्ची ताइवान है।
चीन के पास जो टाइल दृश्यमान है वो "ईस्ट विंड" चिन्ह के हैं जिसका दोहरा अर्थ है। सबसे पहले, इसका मतलब पुरवाई आना अर्थात् चीन का पुनरुत्थान एक विश्व शक्ति के रूप में है। दूसरा, इसका मतलब है कि सेना के पास सैन्यशक्ति और हथियार है जिसे पहले ही मेज पर रखा गया है। एक ओर, चीन एक अच्छी स्थिति में प्रतीत होता है, लेकिन हम उसके बाकी हाथ नहीं देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, वह टेबल के नीचे कुछ छिपी हुई टाइल्स भी संभाल रही है।
अमेरिका में आत्मविश्वास दिखता है, लेकिन उसकी नजरें ताइवान पर हैं, वह ताइवान की अभिव्यक्ति से कुछ पढ़ने की कोशिश कर रही है, और साथ ही ताइवान को कुछ संकेत दे रही है।
पहली नजर में दर्शक को लगता है कि रूस को इस खेल में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन यह आभास सत्य से बहुत दूर है। अमेरिका की गोद में एक पैर , और हाथ छिपाकर चीन को एक टाइल छुपाकर पास करना है, यह रूस का दोनों देशों के रहस्यों का आदान-प्रदान दिखाता है। जापान इन सारी गतिविधियों से अनभिज्ञ बस खेल में अपनी स्थिति में मग्न है।
ताइवान एक पारंपरिक चीनी कढाई वाली लाल कमीज़ पहने है, जो दर्शाता है कि वह चीनी संस्कृति और सभ्यता का असली उत्तराधिकारी है। उसके पास फल का एक कटोरा है, और दूसरी हाथ में चाकू है। जब वह चीन पर नज़र रखती है तो उसकी अभिव्यक्ति क्रोध, उदासी और घृणा से भरी हुई है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता है। जब तक वह खेल में प्रवेश न करे, कोई फर्क नहीं पड़ता कि विजेता कौन होता है, उसके भाग्य में बस फल परोसना लिखा है।
पेंटिंग में बनी खिड़की बाहर का बादलों भरा काला गगन और तूफान दिखाती है। ये इन देशों के बीच के तनाव का चिन्ह है। नीली चादर महासागरों का प्रतीक है।
चित्र में बायीं तरफ की पेंटिंग में माओ जेतुंग का चेहरा चियंग काइ शेक का सर और सुन यात सेन की मूंछें हैं।
चार महिलाओं का पहनावा उनके देश की स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। चीन शीर्ष भाग से नग्न है, नीचे एक स्कर्ट पहना हुआ है। अमेरिका एक ब्रा और एक जैकेट पहनी हुई है, लेकिन नीचे से नग्न है। रूस के पास केवल उसके अंतःवस्त्र बाकी हैं। जापान के पास कुछ भी नहीं बचा है।
अमेरीका सबसे अच्छी स्थिति में दिख रही है पर उसके प्राइवेट पार्ट खुले हैं - उसकी कमजोरियां प्रत्यक्ष है। इसके विपरीत चीन और रूस अर्धनग्न हैं पर उनके गुप्तांग या गुप्त शक्तियां छुपी हैं।
यदि इस खेल की शर्त यह है कि हारने वाले के कपड़े निकलते हैं, तो अगर चीन हार जाता है, तो वह रूस के समान होगी (जैसा कि यूएसएसआर भंग हो गया है)। अगर अमेरिका हार जाती है, तो वह भी रूस के समान हो सकती है। अगर रूस हार जाती है, तो वह सब हार जाती है। जापान पहले ही सबकुछ खो चुकी है।
रूस एक मात्र "फिलर / दूध भात " खिलाड़ी प्रतीत होती है, लेकिन वास्तव में वो चीन के साथ टाइल्स का आदान-प्रदान कर रही है। वास्तविक "फिलर" खिलाड़ी जापान है, क्योंकि जापान के पास हारने के लिए और कुछ नहीं शेष है, और अगर वह अगली बार हारती है तो वह तुरंत खेल से बाहर हो जाती है।
अमेरिका इस दौर को हारती है, तो वह अपनी विश्व शक्ति के ताज को गँवा देगी। रूस सर्वाधिक खतरनाक है, दोनों पक्षों के साथ खेल रहा है, उसके पास अकेले जीवित रहने की क्षमता नहीं है, उसे जीवित रहने और विकसित करने के लिए दोनों पक्षों के बीच घूमना पड़ा।
चीन के कई टाइल्स हैं जिन्हें हम नहीं देख सकते हैं। शायद यह सुझाव दे रहा है कि चीन के पास अभी और छुपे इक्के हैं। इसके अतिरिक्त चीन रूस के साथ टाइल्स का आदान-प्रदान कर रही है, जबकि अमेरिका केवल ताइवान की अभिव्यक्ति से अनुमान लगा रही है कि रूस और चीन के बीच क्या हुआ है। जापान पूरी तरह से अनजान है, अभी भी टाइल्स के अपने सेट पर केंद्रित है।
खेल में विजेता के दावेदार अमेरिका और चीन ही हैं।
पर सौ बात की एक बात - यह खेल चीन का है और नियम भी चीन के।
मूल स्त्रोत : Dailysatori
हिंदी लेख : स्नेहा राजू (इन्हे कोरा पर फोलो करे)
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